अपराधी जन्मजात नहीं होता। परिस्थिति उसे गलत रास्ते पर धकेल देती है।अपराधी जन्मजात नहीं होता। परिस्थिति उसे गलत रास्ते पर धकेल देती है। एक
बार रास्ता भटकने के बाद वापस लौटना मुश्किल होता है। सही दिशा मिल जाए तो
वापस लौटना संभव भी है। अपराधी भी अपराध की दुनिया को छोड़कर समाज की
मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं।
बैरकों में बंद कैदी और बंदियों को जेल प्रशासन नैतिकता का पाठ पढ़ाएग उन्हें अच्छे-बुरे का ज्ञान देकर अपराध की दुनिया छोड़ने के लिए प्रेरित
किया जाएगा। घटना के बाद परिजन पर किस तरह मुसीबतों का पहाड़ टूटता है, इसके
बारे में विस्तार से बताया जाएगा। नैतिकता का पाठ पढ़ाने के लिए
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