शनिवार, 6 नवंबर 2010

योग मन की शांति के लिए ---2

मीठे बच्चे : " तुम्हे अपने हमजिन्स का उद्धार करना है , बाप ने माताओं पर ग्यान का कलष रखा है इसलिए माताओ पर बडी जवाबदारी है "

प्रश्न : तुम माताये किस विशेष कर्तव्य के निमित्य हो ? तुम्हारे उपर कौन सी रेसपान्सबिल्टी है ?
उत्तर : तुमने इस पतित दुनिया को पावन दुनिया , नर्क को स्वर्ग बनाने के निमित्त हो । बाप ने
तुम माताओ पर ग्यान का कलष रखा है इसलिए सबको सदगति देने की रेसपान्सिबिल्टी तुम्हारे पर है । तुम हो शिव शक्ति सेना । तिम्हे अब अपने हमजिन्स क कल्याण करना है ।
सबको पतित बनने से बचाना है । वेश्याओ का भी उद्धार करना है ।

गीत : रात के राही थक मत जाना ... सुबहाँ कि मंजिल दुर नही....

धारना के लिए मुख्य सार :

१) बप का सच्च बच्चा बनना है , अन्दर एक बाहर दुसरो न हो । याद की रुहानी दौड मे
आगे जाना है । खुश-मिजाज बनना है ।

२)आपस में बहुत बहुत प्यार से रहना है , शिव शक्ती सेना का संगठन तैयार कर अपनी हमजिन्स को बचाना है । पविञ बनने और बनाने की युक्ती रचनी है ।

वरदान : स्वदर्शन चक्र के टाईटल की स्मॄति द्धारा परदर्शन मुक्त बनने वाले मायाजीत भव.

सिर्फ़ बुद्धि से वर्णन नही करो लेकिन सीट पर सेट हो जाओ , जै टाइटल वैसी स्थिति हो ।

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