शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी

राजयोग के लिए परमात्मा का परिचय राजयोग का सही अर्थ है आत्मा का परमपिता
परमात्मा के साथ सम्बन्ध अथवा मिलन. इस मिलन द्वारा आत्मा को परमात्मा से
सर्व प्रकार के गुणों और शक्तियों की प्राप्ति होती है. आत्मा के विषय
में जानकारी प्रापत करने के बाद राजयोगी को यह जानना अति आवश्यक होगा कि
परमात्मा कौन है ? जिसके साथ योगी आत्मा को योग लगाना है या सम्बन्ध...

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी
ईश्वरीय विश्वविद्यालय “परमात्‍मा एक है, वह निराकार एवं अनादि है। वे
विश्‍व की सर्वशक्तिमान सत्‍ता है और ज्ञान के सागर है।” इस मूलभूत
सिद्धांत का पालन करते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍व
विद्यालय इन दिनों विश्‍व भर में धर्म को नए मानदंडों पर परिभाषित कर रहा
है। जीवन...


नैतिक मूल्यों की जरूरत : भगवान भिवानी & प्रजापति ब्रह्मïकुमारी ईश्वरीय
विश्वविद्यालय के ब्रह्मïकुमार भगवान भाई ने कहा कि जीवन में नैतिक
मूल्यों की सबस नैतिक मूल्यों की जरूरत : भगवान भिवानी & प्रजापति
ब्रह्मïकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रह्मïकुमार भगवान भाई ने कहा
कि जीवन में नैतिक मूल्यों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। नैतिक
कर्तव्यों की पालना...


परमात्‍मा एक है, वह निराकार एवं अनादि है। 1. साहसी मनुष्य को अपने
पराक्रम का पुरस्कार अवश्य मिलता है। सिंह की गुफा में जाने वाले को संभव
है काले रंग का मोती गजमुक्ता मिल जाये परंतु जो मनुष्य गीदड़ की मांद
में जायेगा तो उसे गाय की पुँछ और गधे के चमडे के अलावा और क्या मिल सकता
है। 2. धन का लोभ करने वाला ज्ञानी असंतुष्ट रहते हुए अपने धर्म का
पालन...


गुणवान व्यक्ति देश की सम्पति हैं- भगवान भाई गुणवान व्यक्ति देश की
सम्पति हैं- भगवान भाई देसूरी,29 जनवरी। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय
विश्वविद्यालय आबू पर्वत के राजयोगी बी.के. भगवान भाई ने कहा कि गुणवान
व्यक्ति देश की सम्पति हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियोंं के सर्वांगिण
विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता
हैँ।...


किसी की याद. किसी भी याद आना या किसी को याद करना - यह मनुष्य का
स्वाभाविक गुण है. मन जिस विषय पर सोचता है, उसी के साथ उस आत्मा का योग
है. फिर वह चाहे व्यक्ति, वस्तु, वौभव या परिस्थिति हो या परमात्मा ही
क्यों न हो. अब मन कहाँ-कहाँ जा सकता है, मन का कहीं भी जाने का आधार
क्या हैं ? संसार में करोड़ो मनुष्य है लेकिन मन सभी के विषय में नहीं
सोचता है. मन...


पाप का बाप काम, क्रोध और लोभ है, दुर्वासना इसकी बहन है पाप का बाप काम,
क्रोध और लोभ है, दुर्वासना इसकी बहन है। विवेक रूपी पुरुष की शांति रूप
पाप का बाप काम, क्रोध और लोभ है, दुर्वासना इसकी बहन है


नैतिकता के बगैर भविष्य अंधकारमय : भगवान भाई भास्कर न्यूज&
भिवानी प्रजापति ब्रह्मïकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रह्मïकुमार
भगवान भाई न नैतिकता के बगैर भविष्य अंधकारमय : भगवान भाई Matrix News
भास्कर न्यूज& भिवानी प्रजापति ब्रह्मïकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के
ब्रह्मïकुमार भगवान भाई ने कहा कि जीवन में नैतिक मूल्यों की सबसे
ज्यादा...


बदला लेने की बजाय स्वयं को बदलो: भगवानभाई बदला लेने की बजाय स्वयं को
बदलो: भगवानभाई बालोतरा & प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय
की शाखा बालोतरा की ओर से शुक्रवार को बालोतरा उप कारागृह में संस्कार
परिवर्तन एवं व्यवहार शुद्धि पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस
अवसर पर माउंट आबू के राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने कहा कि कर्मों की
गति...

राजयोग आध्यात्मिक अनुशासन है राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई प्रजापिता
ब्रह्मकुमारी इश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से पधारे भगवान भाई ने
स्थानीय ब् राजयोग आध्यात्मिक अनुशासन है राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी इश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू से पधारे भगवान
भाई ने स्थानीय ब्रह्मकुमारीज सेवाकेंद्र पर आयोजित क्रोधमुक्त जीवन विषय
पर...


आत्मा शांति स्वरुप है| प्रेम स्वरुप है| ज्ञान स्वरुप है| दया स्वरुप
है| जो भी हमें अच्छे गुण लगते हैं वही आत्मा के गुण है, और यही कारण है
की वो हमें अच्छे लगते है| एक निर्दयी आदमी जो की हमेशां दूसरो कष्ट देने
वाला होता है, अगर हम उसे बुरा कहें तो क्या वो खुश होगा?? नहीं? तो
क्यों? क्यूंकि वो भी उन दुर्गुणों को नहीं चाहता, और वो आत्मा ये कतई
सहन...


परमात्मा कौन है और कैसा है?? ये सवाल अक्सर हमारे मन में आता है, इसके
अलग अलग मान्यताएं है ! पर ब्रह्मा कुमारीज के अनुसार परमात्मा आत्मा की
ही तरह है जैसा की आत्मा के बारे में पिछली पोस्ट में बताया था की आत्मा
एक ज्योतिस्वरूप अंडाकार और अति सूक्षम जो स्थूल आँखों से देखि नहीं जा
सकती, है| ठीक परमात्मा का भी वैसा ही आकार वैसा ही रूप और उतने ही...



कटनी। बदलने से विपरीत परिस्थिति भी सहज दिखने लगती है। अपनी समस्या को
समाप्त करने एवं सफल जीवन जीने के लिए विचारों को सकारात्मक बनाने की
बहुत आवश्यकता है। उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय
विश्वविद्यालय माउंटआबू से आए राजयोगी भगवान भाई ने कहे। वे स्थानीय
ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवा केन्द्र पर तनावमुक्त विषय पर संबोधित कर रहे
थे। उन्होंने...

मंडला। यह कारागृह नही, बल्कि सुधारगृह है। इसमें आपको अपने में सुधार
लाने हेतु रखा हुआ है, शिक्षा देने हेतु नहीं। उक्त उद्गार माउट आबू से
प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीयविश्व विद्यालय के मुख्यालय से पधारे हुए
राजयोगी ब्रम्हाकुमार भगवान भाई ने कहें। उप कारागृह में बन्दिस्त युवा
कैदियों को कर्म गति और व्यवहार शुद्धि विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने
कहा...


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